नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के बाद सोमवार को दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में शांति है, लेकिन पूरे मामले पर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा यहां हिंसा के लिए आम आदमी पार्टी के एक विधायक के भड़काऊ भाषण को दोषी ठहरा रही है, वहीं अरविंद केजरीवाल सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली का यह हाल हुआ है। वहीं कांग्रेस भी मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि सरकार को छात्रों की बात सुनना होगी। पढ़ें पूरी बयानबाजी –
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘देश के विश्वविद्यालयों में घुस घुसकर विद्यार्थियों को पीटा जा रहा है। जिस समय सरकार को आगे बढ़कर लोगों की बात सुननी चाहिए, उस समय भाजपा सरकार उत्तर पूर्व, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में विद्यार्थियों और पत्रकारों पर दमन के जरिए अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। यह सरकर कायर है। जनता की आवाज़ से डरती है। इस देश के नौजवानों, उनके साहस और उनकी हिम्मत को अपनी खोखली तानाशाही से दबाना चाहती है। यह भारतीय युवा हैं, सुन लीजिए मोदी जी, यह दबेगा नहीं, इसकी आवाज़ आपको आज नहीं तो कल सुननी ही पड़ेगी।’
दिल्ली के डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, भाजपा चुनाव में हार के डर से हिंसा फैला रही है और दिल्ली को आग के हवाले कर दिया है। आम आदमी पार्टी किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ है।
दिल्ली भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा, आम आदमी पार्टी ने अपने विधायक अमानतुल्लाह खान की मदद से हिंसा भड़काई है। क्या केजरीवाल बता सकते हैंं कि जहां हिंसा भड़की वहां आम आदमी पार्टी के लोग क्या कर रहे थे?