नई दिल्ली। अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा ( NASA ) के Perseverance रोवर ने शुक्रवार को मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड कर लिया। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी ने रात करीब 2.30 बजे अपने मार्स पर्सिवरेंस रोवर को जेजेरो क्रेटर में सफलतापूर्वक लैंड कराया।
आपको बात दें कि 7 महीने पहले इस खास रोवर को नासा ने धरती से भेजा था। जिसकी अब सफल लैंडिंग हुई है। रोवर के लाल ग्रह की सतह पर पहुंचने के तुरंत बाद नासा ने पहली तस्वीर भी जारी कर दी।
जीवन की संभावनाएं खोजेगा
छह पहिए वाला यह रोवर मंगल ग्रह पर उतरकर वहां पर कई तरह की जानकारी जुटाएगा और ऐसी चट्टानें लेकर आएगा, जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकेगा कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था।
आसान नहीं थी लैंडिंग
नासा के रोवर के लाल ग्रह की सतह पर पहुंचने की पूरी प्रक्रिया आसान नहीं थी। लैंडिंग से पहले रोवर को उस दौर से भी गुजरना पड़ा, जिसे 7 मिनट का आतंक या टेरर ऑफ सेवन मिनट्स कहा जाता है।
इस दौरान रोवर की गति 12 हजार मील प्रति घंटा थी और वह मंगल के वायुमंडल में प्रवेश कर चुका था। ऐसे समय में घर्षण से बढ़े तापमान के कारण रोवर को नुकसान पहुंचने की संभावना बेहद ज्यादा थी।
दुर्गम इलाका है जेजेरो क्रेटर
जेजेरो क्रेटर मंगल ग्रह का अत्यंत दुर्गम इलाका है। यहां पर गहरी घाटियां, और तीखे पहाड़ हैं। इसके साथ ही यहां पर रेत के टीले और बड़े बड़े पत्थर इसको और भी खतरनाक बना देते हैं। ऐसा माना जाता है कि जेजेरो क्रेटर में पहले नदी बहती थी। जो कि एक झील में जाकर मिलती थी। इसके बाद वहां पर पंखे के आकार का डेल्टा बन गया. वैज्ञानिक इसके जरिए ये पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या मंगल ग्रह पर कभी जीवन था।
दुनिया का पहला देश बना अमरीका
रोवर के मंगल ग्रह पर उरने के साथ ही अमरीका मंगल ग्रह पर सबसे ज्यादा रोवर भेजने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े मुख्य सवालों के जवाब मिल सकते हैं।