उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी बुलडोजर की धमक दिखने लगी है। हल्द्वानी और टिहरी में प्रशासन का बुलडोजर गरज चुका है। अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर हल्द्वानी में नगर निगम और विधायक के बीच टकराव भी हुआ।अतिक्रमण को तोड़ने की कार्रवाई से नाराज होकर विधायक सुमित हृदयेश ने विरोध दर्ज किया, जिसके बाद कार्रवाई के दौरान विधायक को नजरबंद किया गया। विधायक सुमित ने भाजपा की चुनाव में हार का बदला लेने का आरोप लगाया है। उधर टिहरी में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन और पुर्नवास विभाग की टीम ने अतिक्रमण हटाया तो स्थानीय लोगों ने कार्रवाई को बीजेपी सरकार की दलित विरोधी नीति करार दिया है।
मामला राजनीतिक रंग लेता दिखाई दे रहा
यूपी में जब से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तब से सीएम योगी को बुलडोजर बाबा के नाम से पुकारा जाने लगा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी अब बुलडोजर की कार्रवाई होने के बाद इसे हर जगह यूपी से जोड़ा जा रहा है। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी दो शहरों में बुलडोजर चला तो यूपी से तुलना होने लगी है।हल्द्वानी में रेलवे की ज़मीन पर बन चुके 4000 से ज्यादा मकानों के टूटने के आसार बन गए हैं और लोग कार्रवाई से पहले पुनर्वास किए जाने की मांग करने लगे हैं। हल्द्वानी में रेलवे स्टेशन के पास बसे वनभूलपुरा इलाके में रेलवे की इस ज़मीन पर बन चुके चार हजार से ज्यादा मकानों को हटाने के लिए हाई कोर्ट ने रेलवे और जिला प्रशासन से योजना के बारे में पूछा है। जिससे कार्रवाई तय है। इसके बाद से यह मामला राजनीतिक रंग लेता दिखाई दे रहा है। हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश जनता के पक्ष में खड़े होकर कर रहे हैं कि जो लोग सालों से इस जमीन पर रह रहे हैं, उनकी ज़मीन बचाने के लिए वो देश की सबसे बड़ी अदालत से राहत लेकर आएंगे। विधायक सुमित हृदयेश ने भाजपा सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है।
जमकर हो रहा टकराव और विरोध
अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर हल्द्वानी में नगर निगम और विधायक के बीच टकराव भी हुआ। निगम का बुलडोजर शहर के अलग-अलग इलाकों में अतिक्रमण को गिरा रहा है, अतिक्रमण को तोड़ने की कार्रवाई से नाराज होकर विधायक सुमित हृदयेश ने विरोध दर्ज किया है। इधर विधायक नगर निगम की कार्रवाई का विरोध करने की सोचे इससे पहले ही विधायक को नजरबंद किया गया। विधायक सुमित ने कहा कि बीजेपी ने अपने मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह जीत नहीं पाए, इसलिए अपनी खीझ रौतेला गरीबों की दुकानें तोड़कर निकाल रहे हैं। रौतेला का कहना है कि सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वाले किसी अतिक्रमणकारी को बख्शा नहीं जाएगा। अगर ज्यादातर अतिक्रमणकारी कांग्रेसी निकल रहे हैं, तो उसमें प्रशासन की कोई गलती नहीं है। मेयर ने कहा कि इसे सुंदर बनाने के लिए अतिक्रमण तोड़ना ज़रूरी है। साथ ही, जाम से मुक्ति के लिए सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करना भी ज़रूरी है। टिहरी में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन और पुर्नवास विभाग की टीम ने नई टिहरी के बी पुरम रोड पर अतिक्रमण हटाया और शिकायत मिलने पर अन्य जगहों पर भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। स्थानीय लोगों ने कार्रवाई को बीजेपी सरकार की दलित विरोधी नीति करार दिया है। स्थानीय लोग इसे धामी सरकार के मंत्री के दवाब में कार्रवाई करने का आरोप लगा रहे हैं।