सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मध्यप्रदेश विधानसभा की विशेष बैठक आज यहां दिन में दो बजे होगी, जिसका एकमात्र एजेंडा कमलनाथ सरकार को विश्वास मत के जरिए बहुमत साबित करने का अवसर प्रदान करना है। माना जा रहा है कि इसी के साथ राज्य में पिछले 15 दिनों से अधिक समय से चल रहे सियासी संकट का समाधान निकल जाएगा और कमलनाथ सरकार का भविष्य भी तय हो जाएगा। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिन में बारह बजे मुख्यमंत्री निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। इस पर भी सभी की नजरें लगी हुई हैं। अटकलें लगाई जा रही है कि बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई है और ऐसे में कमलनाथ फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे सकते हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता पी.सी.शर्मा ने कहा कि इस बार इन्होंने (भाजपा) ‘होर्स ट्रेडिंग’ नहीं की, ‘ऐलिफेंट ट्रेंडिग’ की है। हम बहुमत सिद्ध करेंगे, हमारे पास फॉर्मूला 5 है। 12 बजे खुलासा करेंगे कि 16 विधायकों को किस तरह से बंधक बनाया गया। वहीं जब दिग्विजय सिंह से कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में पूछा गया कि वह इस्तीफा देंगे तो उन्होंने कहा कि इंतजार कीजिए।
इसके पहले गुरुवार देर रात विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। ये सभी विधायक पिछले कई दिनों से बेंगलुरु में रुके हुए हैं और ज्योतिरादित्य गुट के है। कांग्रेस के कुल 22 विधायकों ने इस्तीफे अध्यक्ष को 10 मार्च को भेजे थे। इनमें से छह के इस्तीफे पहले ही स्वीकार हो गए थे। गुरुवार देर रात जिन विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार किए गए, उनमें हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्नालाल गोयल, जसवंत जाटव, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरार्ज डंडोतिया, रक्षा संतराम, बिसाहूलाल सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, मनोज चौधरी और रणवीर जाटव शामिल हैं।
230 सदस्यीय विधानसभा में कुल 22 विधायकों के त्यागपत्र हो चुके हैं और दो सीट पहले से रिक्त हैं। इस तरह अब शेष सदस्यों की संख्या 206 रह गयी है। शुक्रवार की स्थिति में बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायकों के मतों की आवश्यकता है। वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 92 रह गयी है। इसके अलावा बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं।
बीजेपी के सभी विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में सीहोर में एक होटल में हैं और वे सभी सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच एकसाथ विधानसभा पहुंचेंगे। वहीं कांग्रेस के विधायक भी यहां एक होटल में एकसाथ ठहरे हैं।